आज हम ब्लोगोत्सव की सुनहरी यादों को आपके समक्ष रखने का विनम्र प्रयास कर रहे हैं , ताकि उन महत्वपूर्ण क्षणों को आप करीब से महसूस कर सकें जिससे आप वंचित रह गए थे . हम शुरुआत ब्लोगोत्सव के समापन समारोह से कर रहे हैं , क्योंकि ऑडियो एरर आ जाने के कारण आप कुछ ऑडियो नहीं सुन पाए थे ....!

नमस्कार
मैं रश्मि प्रभा
लेकर आई हूँ आज
आपके लिए विशेष गीतों से भरी शाम !

================================================================================
आज की इस मुलाकात का कोई नाम दें या कहें बीजारोपण कई परिवेशों का ... अब इंतज़ार होगा इनके वटवृक्ष होने का , हर मौसम का, नयी कोपलों का --- यह अंत नहीं आरम्भ है अपनी भाषा ,अपनी भावनाओं के विस्तार का . तो चलिए इस पूरे दिन को हम नए रंगों से, नई संभावनाओं से भर दें ..







आईये सबसे पहले सुनते हैं स्वप्न मञ्जूषा शैल की आवाज़ में-
आओ हुजुर तुमको सितारों में ले चलूँ .......



करते हैं आरम्भ उत्सव की आख़िरी धुन ....जी हाँ , आख़िरी जश्न , पर उदास नहीं होना है . क्योंकि इस उत्सव ने हमें नए सम्बन्ध, नए आयाम, नयी संभावनाएं दी हैं ....और आज यूँ भी उत्सवी मंगल है, लखनऊ के नवाबों के समय से यह पूरा महीना भक्ति उत्सव से ओत -प्रोत होता है , तो हम क्यूँ रहें पीछे ........

रुकिए, रुकिए ... अहा , क्या नजारा है . मंच पर खुशबू प्रियदर्शिनी और अपराजिता कल्याणी मंगल गीत के साथ आई हैं, अहो भाग्य इस उत्सव का , 'रथ चढ़ी रघुनन्दन.....यहाँ किलिक करें

6 comments:

  1. oh! nirash nahin magar aage ke plan ke liye utsahit hoon !!!!!!

    AABHAR !!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन कर मन प्रसन्न हुआ।

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या समा बाँधा है,अच्छा लगा सुन कर.

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय रश्मि जी,
    आपने सबकुछ इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत कर दिया कि हैरान हूँ....सचमुच बहुत ही मनभावन लग रहा है...
    प्यारी खुशबू को भी ढेर सारा प्यार और शाबाशी...उसने संयोजन का बहुत ही अच्छा काम किया है.....
    हृदय से धन्यवाद...!!

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top